भारत (India) में बुधवार को गुरु पूर्णिमा मनाई गई. इस अवसर पर बुधवार सुबह से ही लोगों ने अपने गुरुजनों का अभिभावदन किया. लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में लोगों को रात होने का इंतजार रहा है. जिसके केंद्र में सुपरमून (Super Moon)था. असल में बुधवार को इस साल का दूसरा सुपरमून था, जिसमें हमारा और आपका चांद बदला-बदला सा नजर आया. इस दौरान चांद की चमक 15 फीसदी अधिक दर्ज की गई. वहीं इस बेहतरीन खगोलीय घटना को देखने के लिए लोग सुबह से बेसब्री से इतंंजार करते हुए दिखे. जिसके तहत रात को जब सुपरमून का चांद अपने शबाब पर आया तो लोगों की उत्साह भी अपने शीर्ष पर पहुंचने लगा. भारत में बुधवार रात 12 बजकर 8 मिनट पर सुपरमून का आकार सबसे बड़ा दर्ज किया गया.
सामान्य दिनों की तुलना में 7 फीसदी बड़ा था चांद का आकार
दुनियाभर में बुधवार को चांद की चमक अधिक रही. जिसका कारण चांद के घरती के अधिक करीब आना था. इस वजह से बुधवार को सुपरमून का आकार सामान्य दिनों की तुलना में 7 फीसदी अधिक था. असल में पृथ्वी की चांद से दूरी लगभग तीन लाख 84 हजार किलोमीटर है, लेकिन सुपरमून के दौरान चांद पृथ्वी से तीन लाख 57 हजार किलोमीटर दूर ही था. इस वजह से चांद की रोशनी धरती पर अधिक रही.
शुक्रवार तक दिखेगा पूरा चांद
इस बेहतरीन खगोलीय घटना यानी बुधवार को हुए सुपरमून के बाद दुनिया के लोग अगले तीन दिनों तक पूरे चांद का दीदार कर सकेंगे. नासा स्पेस एजेंसी के मुताबिक शुक्रवार सुबह तक पूर्ण चांद के दीदार किए जा सकेंगे. हालांकि यह पूर्णिमा नहीं होगा. बल्कि चांद और पृथ्वी के बीच कम दूरी की वजह से पूर्ण चांद की स्थिति बनी रहेगी.
इस सुपरमून को दिया गया था बक मून नाम
बुधवार 13 जुलाई को हुई पूर्णिमा को बक मून (Buck Moon) नाम दिया गया था. इसके नाम देने के पीछे भी बेहतरीन वजह रही है. असल में सुपरमून को बक मून का नाम हिरन के नए सींग उगने के संदर्भ में दिया गया है. माना जाता है कि प्रत्येक साल हिरण अपने सींगों को बहा देते हैं और इस समय नर हिरण के नए सींग उगते हैं. जिसके आधार पर इस पूर्णिमा को बक मून कहा गया है. इससे पहले जो पूर्णिमा यानी सुपरमून हुआ था, उसे स्ट्राॅबेरी मून का नाम दिया गया था. इसका कारण यह था कि वह स्ट्रॉबेरी की फसल पकने का समय होता है. जिसके आधार पर पूर्णिमा को बक मून का नाम दिया गया.
इस साल का आखिरी सुपर मून 12 अगस्त को
इससे पहला सुपरमून पिछले महीने 14 जून को था. इस सुपरमून को स्ट्रॉबेरी मून नाम दिया गया था. नासा के अनुसार वर्ष 2022 में कुल तीन सुपरमून दिखाई देंगे. जिसमें से दूसरे सुपरमून का दीदार दुनिया ने 13 जुलाई को किया है. नासा के मुताबिक अब इस यह बेहतरीन खगोलीय घटना यानी सुपरमून का दीदार 13 अगस्त को होगा, जो इस साल का आखिरी सुपरमून होगा. वहीं इसके बाद सितंंबर 18 2024 को अगला सुपरमून होगा.