“उफान पर नदियां…जलमग्न इलाके”…1901 के बाद इस साल मानसून में हुई सबसे ज्यादा बारिश, जलवायु संकट है वजह!

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Monsoon

Weather News India Hindi: इस साल मानसून देशभर के लोगों के लिए दुखों की बारिश लेकर आया है. असम, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. नदियों में जलस्तर खतरे की निशान से ऊपर पहुंच गया है. बाढ़ के चलते लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ राज्यों में जहां बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई हुई है. वहीं कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां बड़े पैमाने पर बारिश में कमी देखी गई है. इनमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.

हिन्दुस्तान टाइम्स के एनालिसिस से मालूम चलता है कि इस साल मानसून (Monsoon) के आगमन के बाद से कई राज्यों में भारी बारिश हुई है, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. मानसून की बदलती प्रवृत्ति कहीं न कहीं जलवायु संकट का ही परिणाम है. वहीं, एक्सपर्ट्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि बिना योजना के किए गए विकास कार्यों की वजह से वर्षा जल निकासी में रुकावट पैदा हो रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के डेटा के मुताबिक, भारत में इस साल के मानसून (1 जून से 13 जुलाई के बीच) में 317.8 मिमी बारिश हुई है.

जलवायु संकट के कारण गड़बड़ाया मानसून सिस्टम

मौसम विभाग की मानें तो यह आंकड़ा साल 1901 के बाद से 20वां हाईएस्ट और 1961-2010 के एवरेज से 15.8 प्रतिशत ज्यादा है. इस मानसून में अब तक 317.8 मिमी बारिश हुई है. जलवायु संकट की वजह से भारत में मानसून सिस्टम गड़बड़ा गया है. इसका मतलब यह है कि पहले की तुलना में भारी बारिश की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, केरल में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं ने भारी तबाही मचाई है. राज्य के कासरगोड, कोझिकोड तथा वायनाड जिलों में नदियां उफान पर हैं. इसके चलते लोगों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करना पड़ा है. कासरगोड जिले में भारी बारिश की जानकारी मिली है, जहां तेजस्विनी और मधुवाहिनी नदियां इस हफ्ते की शुरुआत से उफान पर हैं. नदियों के उफान पर होने की वजह से जिले के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है.

असम में अब भी 175 गांव जलमग्न

असम की बात करें तो यहां बाढ़ की स्थिति में गुरुवार को भी सुधार देखने को मिला. हालांकि, चार जिलों में अब भी करीब 2.29 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि बुधवार तक राज्य के 5 जिलों में बाढ़ की वजह से 2.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित थे. कछार सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां 1.34 लाख लोग प्रभावित हैं. इसके बाद मोरीगांव में 92,850 और तामुलपुर में 1050 लोग प्रभावित हैं. बुलेटिन के मुताबिक, 175 गांव अब भी पानी में डूबे हुए हैं और 527 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं. 5 जिलों में 61 रिलीफ कैंप और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर चल रहे हैं, जहां 2636 बच्चों सहित 15705 लोग शरण लिए हुए हैं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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