उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की राजनीतिक करियर के पतन का दौर जारी है. जिसके प्रतिदिन रोज नए अध्याय लिखे जा रहे हैं. इसी कड़ी में मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान उपरराष्ट्रपति चुनाव से पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा है. जिसके तहत लोकसभा अध्यक्ष ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बगावत कर मुख्यमंत्री शिंदे गुट की शिवसेना थामने वाले लोकसभा सांसद राहुल शेवाले को बड़ी राहत दी है. उद्धव गुट से बागी होने के बाद शिंदे गुट में शामिल होने वाले राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के नेता के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मान्यता दी है.
इसको लेकर लोकसभा सचिवालय से मंगलवार देर रात को एक सर्कुलर जारी किया है. जिसमें इस संबंध के फैसले को अधिसूचित किया गया.
शिवसेना के 12 सांसदों ने पत्र लिखकर शेवाले को नेता बनाने की मांंग की थी
असल में उद्धव ठाकरे बगावत कर मुख्यमंत्री शिंंदे गुट में शामिल होने वाले शिवसेना के 12 से अधिक सांसदों ने बीते दिनों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शेवाले को संसद के निचले सदन में पार्टी का नेता नियुक्त करने का अनुरोध किया था. शिवसेना सांसदों ने मांग करते हुए कहा था कि निवर्तमान नेता विनायक राउत में उन्हें भरोसा नहीं रह गया है.
वहीं मंगलवार को हीमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शेवाले को लोकसभा में पार्टी का नेता नामित किया था. शिंदे को शिवसेना के 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 का समर्थन प्राप्त है.
शिंदे के नेतृत्व में ही शिवसेना में हुई है फाड़
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत का दौर शुरू हुआ था. जिसके तहत 20 जून को उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री एकनाथ शिंंदे ने पार्टी से बगावत कर दी थी. जिसके बाद उनके साथ ही 56 में से 40 विधायक आ खड़े हुए थे. शिवसेना में हुई इस बगावत को बीजेपी का साथ मिला था. जिसे देखते हुए उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद जुलाई में बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना ने गठबंधन की सरकार बनाई थी और एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसी कड़ी में बीते दिनों 19 सांसदों में 12 सांसदों ने उद्धव गुट से नात तोड़ते हुए एकनाथ शिंदे गुट का दामन थाम लिया था. जिसको लेकर मंगलवार देर रात को बड़ा अपडेट हुआ है और बागी राहुल शेवाले को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया है.
शिंंदे की शिवसेना को मिली मान्यता
शिवसेना में हुई बगावत के बाद शिवसेना को दो गुटों के तौर पर पहचाना जा रहा था. जिन्हें उद्धव गुट और शिंदे गुट की शिवसेना कहा जा रहा था, लेकिन शिंदे के मुख्यमंयत्री बनने और मंगलवार को शिंदे गुट के राहुल शेवाले को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाए जाने के बाद शिंंदे गुट की शिवसेना को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता मिलती हुई दिख रही है.