गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद से कांग्रेस को जम्मू कश्मीर में लगातार झटका लग रहा है. वहां पर इस्तीफों की बाढ़ सी आ गई है. हर दिन भारी संख्या में कांग्रेसी नेता पार्टी को अलविदा कह रहे हैं. गुलाम नबी आजाद ने अब अलग राह चुन ली है. उन्होंने जम्मू कश्मीर में अलग पार्टी बनाने के लिए और शक्ति प्रदर्शन के लिए 4 सितंबर की तारीख चुनी है. दिल्ली के रामलीला मैदान में इसी दिन राहुल गांधी महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ बड़ी रैली करने वाले थे. आजाद के पार्टी छोड़ते ही ‘जी गुट’ में हलचल और तेज हो गई है. आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे G-गुट के नेताओं ने मंगलवार को आज़ाद से मुलाकात की.
सूत्रों की मानें तो इस दौरान आजाद ने साफ कर दिया कि इस समय उनका फोकस जम्मू कश्मीर की सियासत पर है. फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर उतरने का उनका मन नहीं है. आजाद के इस जवाब के बाद हुड्डा, आनंद शर्मा और अखिलेश प्रसाद जैसे बचे खुचे जी गुट के नेताओं ने फिलहाल वेट एण्ड वॉच की रणनीति अपना ली है. अभी उनकी पहली कोशिश कांग्रेस में रहकर ही आलाकमान से अपने रिश्ते बेहतर करने की रहेगी.
मैं कांग्रेस का सिपाही हूं- आनंद शर्मा
वहीं, आनंद शर्मा का कहना है कि मैं कांग्रेस का सिपाही हूं, मुझसे कांग्रेस छोड़ने का सवाल करना मेरा अपमान करना है. इसलिए ये सवाल ही बेमानी है. वहीं, आजाद से मुलाकात करने गए हुड्डा ने भी कांग्रेस नहीं छोड़ने की बात कही. जबकि हुड्डा ने आजाद को बधाई देते हुए कहा कि आपने जम्मू कश्मीर में अलग राह चुन ली है. आपको बधाई. अब हमारे व्यक्तिगत रिश्ते रहेंगे, राजनैतिक नहीं. मैं हरियाना में कांग्रेस का झंडा उठाने का फैसला कर चुका हूं. इस समय बेहतर ये होगा कि कड़वाहट और तीखी बयानबाजी छोड़ सम्मान और शराफत के साथ अपने-अपने सियासी कदम उठाए जाएं.
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