सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन पैंगोंग लेक पर नए निर्माण कर रहा है. बताया जा रहा है कि चीन की तरफ से एक सोलर पावर सेंटर के साथ ही रडार स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि पैंगोंग लेक के किनारे चीन का निर्माण गलवान घाटी से थोड़े से फासले पर किया जा रहा है. इससे पहले भी चीन पैंगोंग पर दो पुल तैयार कर चुका है. इसीलिए सवाल ये है कि क्या चीन सर्दियों में एलएसी पर जंग की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा एलएसी के करीब चीन के लगातार निर्माण की वजह क्या है.
ये सवाल हवा-हवाई नहीं हैं. एलएसी पर बार-बार मार खाने से बीजिंग बॉर्डर पर बौखलाया है. गलवान में गर्दनतोड़ प्रहार के बाद भले ही चीनियों की हिमाकत नहीं हुई हो, लेकिन बीजिंग के तानाशाह के शागिर्दों की सनक रत्ती भर भी कम नहीं हुई है. इसीलिए इस बार चीनियों को चित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है. ढाई साल के दौरान 16 दौर की बातचीत के बाद ये साफ हो चुका है कि चाइनीज बातों से मानने वाले नहीं है. ये भी क्लियर हो चुका है कि चीन बातचीत के स्वांग में नई साजिशों को आकार देता रहता है.
चीन के लिए माकूल जवाब है प्रोजेक्ट जोरावर
सवाल ये है कि चीन का इलाज क्या है. तो इसका जवाब है प्रोजेक्ट जोरावर. भारत ने जोरावर प्रोजेक्ट के तहत LAC पर अब हल्के वजन के टैंकों की तैनाती शुरू कर दी है. इस प्रोजेक्ट के तहत स्वदेशी लाइट टैंक लेने की तैयारी है. खास बात ये है कि लाइट टैंक के प्रोजेक्ट का नाम जम्मू कश्मीर रियासत के पूर्व कमांडर जोरावर सिंह के नाम पर रखा गया है. जोरावर सिंह ने 19वीं सदी में चीनी सेना को हराकर तिब्बत में अपना परचम लहराया था.
LAC तक भारी भरकम टैंकों को पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है. सेना के पास इस वक्त टी-72 और टी-90 जैसे शक्तिशाली टैंक हैं, जिनका वजन 40 से 70 टन तक है. अब तक बड़ी मशक्कत से इन टैंकों को LAC तक पहुंचाया गया है, लेकिन अभी इन्हें बार बार मूव करना बेहद मुश्किल होता है. यही वजह है कि जल्द की लाइट टैंकों को एलएसी पर तैनात करने की तैयारी है. स्पाइक एक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है जो काफी ताकतवर हथियार है. ये अपने वार से दुश्मन के टैंक को पूरी तरह से ध्वस्त कर सकती है. स्पाइक एंटी टैंक मिसाइल की मारक क्षमता 4 किलोमीटर तक है. स्पाइक मिसाइल को 30 सेकंड में लॉन्च किया जा सकता है. भारत ने इजरायल से करीब 240 स्पाइक मिसाइलें खरीदी हैं.
बॉर्डर पर तैनात स्पाइक मिसाइल की क्या है खासियत
बॉर्डर पर तैनात स्पाइक मिसाइल की सबसे बड़ी खूबी ये है कि एक बार लॉन्च करने के 15 सेकंड बार फिर से इसे रीलॉन्च किया जा सकता है. इतना ही नहीं ये एक ऐसी एंटी टैंक मिसाइल है, जो रात के अंधेरे में भी दुश्मन पर सटीक टारगेट कर सकती है. ये मिसाइल इतनी खतरनाक है कि इसे बस निशाना साधकर दागना होता है. टारगेट का पीछा कर बाकी का काम यह खुद करती है.
बता दें कि दो साल पहले चीन ने आखिरी बार भारतीय सरहद में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसे हमारे जांबाजों ने नाकाम कर दिया था. इसके बाद पहली बार पूरे साल हमारी सेना लद्दाख के हर मोर्चे पर तैनात रही. माइनस 45 डिग्री में भी हमारे जवानों ने चीन की हर करतूत पर पैनी निगाह रखी. एक बार फिर लद्दाख की पहाड़ियों पर बर्फबारी का दौर शुरू होने वाला है. इसीलिए चीनियों को पहले की चेता दिया गया है कि सरहद के इस ओर देखने की हिमाकत भी न करें.
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