विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान पर निरंतर अंतरराष्ट्रीय दबाव होना चाहिए और भारत को उस दबाव को बनाए रखने के लिए नेतृत्व करना होगा.
विदेश मंत्री ने अपने स्पष्ट संदेश में कहा कि सीमा पार आतंकवाद को कभी भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. एक दिन पहले ही बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों के पाकिस्तान नहीं जाने की घोषणा की.
एशिया कप 2023 को लेकर बीसीसीआई और पीसीबी के बीच विवाद के बीच जयशंकर ने कहा, “टूर्नामेंट आते रहते हैं और आप सरकार के रुख से अवगत हैं. देखते हैं क्या होता है.” उन्होंने कहा कि मैं दोहराना चाहता हूं कि हमें यह कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए कि एक देश के पास आतंकवाद का अधिकार है. हमें इसे अवैध बनाना होगा और इसके लिए देश पर अंतरराष्ट्रीय दबाव होना चाहिए. यह दबाव तब बनेगा जब आतंकवाद के शिकार लोग अपनी आवाज उठाएंगे. जयशंकर ने एजेंडा आजतक में कहा कि हमें इसका नेतृत्व करना होगा क्योंकि हमने आतंकवाद के कारण खून बहाया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता फिर से शुरू करने के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा, “यह एक जटिल मुद्दा है. अगर मैं आपके सिर पर बंदूक रख दूं तो क्या आप मुझसे बात करेंगे? नेता कौन हैं, शिविर कहां हैं… हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि सीमा पार आतंकवाद नॉर्मल है. उन्होंने कहा कि मुझे एक उदाहरण दें जहां एक पड़ोसी दूसरे के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है. ऐसा कोई उदाहरण नहीं है. एक तरह से यह असामान्य भी नहीं है, लेकिन असाधारण है.
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एस जयशंकर ने कहा कि सरकार ने अपने लोगों का पक्ष लिया. हम अकेले नहीं हैं जो जल्द से जल्द स्थिति का कूटनीतिक समाधान चाहते हैं. इसमें लगभग 200 देश हैं. दुनिया और अगर आप उनसे उनका रुख पूछते हैं, तो ज्यादातर लोग चाहेंगे कि युद्ध जल्द खत्म हो, कीमतें कम हों, और प्रतिबंध खत्म हों. दुनिया यही चाहती है, और मुझे लगता है कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया की आवाज बन गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत इस संघर्ष में भारतीय नागरिकों के कल्याण का पक्ष लिया और वह उन देशों में शामिल है जिनके साथ सभी पक्ष अपने विचार साझा कर रहे हैं.