चीन में कोरोना बेकाबू हो चुका है. हर दिन रिकॉर्ड मौतों के बाद श्मशान घाट तक में वेटिंग लिस्ट चल रही है. जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, अमेरिका में भी कोविड-19 मामले अचानक से बढ़ने लगे है. इन सबको देखते हुए भारत अलर्ट हो गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आज इस पर बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक एयरपोर्ट्स पर बचाव के लिए किस तरह कदम उठाया जाए, विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए नियमों का निर्धारण जैसे कई बिंदुओं पर विचार किया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य मंत्री की बैठक में कोविड-19 के नए वेरीएंट को लेकर विशेषज्ञों की राय पर चर्चा की जाएगी. साथ ही सबसे बड़ी समस्या विदेशों से भारत आने वाले लोगों के लिए नियम बनाने पर है. देश में कोविड-19 के मौजूदा वेरीएंट और उनकी स्थिति पर भी आज चर्चा होगी. सर्दियों की छुट्टी और तीन दिन बाद क्रिसमस और हफ्ते भर बाद नए साल के जश्न में लोग काफी यात्राएं करते हैं. ऐसे में सरकार नए वर्ष के आगमन के संबंध में आयोजित कार्यक्रमों में सतर्कता संबंधी नियमों पर चर्चा कर सकती है.
कोरोना के हालातों ने बढ़ाई चिंता
हेल्थ मिनिस्टर वैश्विक हालातों पर विचार करते हुए बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे कोरोना स्थिति की समीक्षा करेंगे. स्वास्थ्य, आयुष, औषधि विभाग और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल तथा टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष एन एल अरोड़ा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में भाग लेंगे.
एक दिन पहले राज्यों को केंद्र का अलर्ट
इस बीच, मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वायरस के नए स्वरूप पर नजर रखने के लिए संक्रमित पाए गए नमूनों के जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने का आग्रह किया. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इस तरह की कवायद देश में वायरस के नए स्वरूप का समय पर पता लगाने में सक्षम होगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सुनिश्चित करेगी.
भारत में अभी से जांच जरुरी
उन्होंने बताया कि ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन से हमने कोरोना पर काफी हद तक काबू पाया था. भूषण ने कहा कि कोविड-19 की सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती अभी भी दुनिया भर में बनी हुई है, जिसके लगभग 35 लाख मामले साप्ताहिक रूप से सामने आ रहे हैं. भूषण ने कहा कि जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में अचानक आई तेजी को देखते हुए, भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के माध्यम से वायरस के स्वरूपों पर नजर रखने के लिए संक्रमण के मामलों के नमूनों का पूरा जीनोम अनुक्रमण तैयार करना आवश्यक है.
(भाषा इनपुट के साथ)