
संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन को मुंह की खानी पड़ी है. यूएन ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल आतंकियों की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है. अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई भी है. यूएन की जिस लिस्ट में मक्की का नाम है, उसमें ऐसे आतंकियों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है.
चीन की छत्रछाया में आतंक फैलाने वाले अब्दुल रहमान मक्की को भारत ने भी सबसे खतरनाक आतंकवादियों की लिस्ट में डाला हुआ है. मक्की की उम्र करीब 75 साल है. लश्कर में मक्की के पास अभी भी बड़ा पद है. माना जाता है कि हाफिज सईद के सात मिलकर मक्की ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं की प्लानिंग की और उन्हें अंजाम दिया. वह कश्मीरी युवकों को भटकाने, भारत के खिलाफ भड़काने और टेरर फंडिंग जैसी घटनाओं में भी शामिल था.
लश्कर के कई हमलों में शामिल रहा मक्की-
- साल 2000 में 22 दिसंबर को लश्कर ए तैयबा के 6 आतंकियों ने लाल किले पर हमला कर दिया था. उस दौरान उन्होंने सुरक्षाबलों में ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे.
- साल 2008 में 1 जनवरी को लश्कर के 5 आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक शिविर पर हमला कर दिया था, जिसमें एक रिक्शा चालक समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी.
- 26/11 मुंबई हमले को तो कोई नहीं भूल सकता. इस दिन लश्कर के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए और जगह-जगह फायरिंग कर 166 लोगों की जान ले ली. एक आतंकी आमिर अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया, जिसे भारत ने फांसी दे दी.
- लश्कर ने फरवरी और मई 2018 में जम्मू के श्रीनगर और कश्मीर के बारमूला में आतंकी हमलों को अंजाम दिया. श्रीनगर में सीआरपीएफ के शिविर पर हमले में एक जवान शहीद हो गया था. वहीं, बारामूला में आतंकियों ने तीन नागरिकों की हत्या कर दी थी.
- साल 2018 में सात अगस्त को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर में सुरक्षाबलों ने लश्कर के नापाक इरादों को नाकाम कर दिया, लेकिन हमले में एक मेजर समेत 4 जवान शहीद हो गए थे.
चीन को क्यों मुंह की खानी पड़ी?
चीन ने पिछले साल जून में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव का आखिरी पलों में विरोध कर दिया था. पिछले साल जून में चीन ने लश्कर के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की को मंजूरी देने का वीटो लगा दिया था. मक्की को अमेरिका पहले ही एक आतंकवादी घोषित कर चुका है.