कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को गायक अदनान सामी के उस नजरिये की वकालत करते दिखे कि कुछ लोगों में सत्ता की लालसा होती और वे इसके नहीं मिलने पर हताश हो जाते हैं. रिजिजू ने सामी के ट्विटर पर किये गये पोस्ट को रिट्वीट किया, जिसमें गायक-संगीतकार ने कहा, आज हम जो समस्या का सामना करते हैं वह है सत्ता की लालसा और इसके नहीं मिलने से होने वाली हतासा इतनी बड़ी है कि मानो किसी लत को वापस ले लिया गया हो…।
अदनान सामी ने यह भी कहा कि कुछ लोग देश को विश्व सामुदायिक बस में फेंकने तक के लिए तैयार हैं ताकि भारत को अस्थिर करने का प्रयास करके शासन करने का अवसर हासिल कर सकें.
व्यापारिक साम्राज्य में उथल-पुथल
अदनान सामी की टिप्पणी अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के उस दावे के परिदृश्य में आई है, जिसमें कहा गया है कि उद्योगपति गौतम अडाणी के व्यापारिक साम्राज्य में उथल-पुथल भारत में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार का दरवाजा खोल सकती है.
बीजेपी का अरबपति सोरोस पर पलटवार
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि अडाणी मुद्दा देश में लोकतंत्र के पुनरुद्धार के हवा देता है या नहीं यह पूरी तरह कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निर्भर करता है और इसका सोरोस से कुछ नहीं लेना-देना है. दूसरी तरफ सत्ताधारी भाजपा ने भी सोरोस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि वे ना केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे हैं, बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली को भी निशाना बना रहे हैं ताकि निवेशकों के द्वारा चयनित लोग यहां सरकार चला सकें.
भाषा