![Bs Yediyurappa](https://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2023/02/bs-yediyurappa-1024x576.jpg)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के सीनियर लीडर बीएस येदियुरप्पा (BS Yediruppa) ने विधानसभा में अपना आखिरी भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो आज जो कुछ भी हैं, जितना भी वो सीखे हैं या राजनीति में यहां तक बढ़े हैं वो सब राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) के कारण है. इसी के कारण सार्वजनिक जीवन में उनके कद का इतना विस्तार हुआ.
येदियुरप्पा (79)दशकों से विधानसभा के सदस्य रहे हैं और उन्होंने पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अंतिम सांस तक ईमानदारी से पार्टी को मजबूत करने और उसे सत्ता तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेकुलर) सुप्रीमो एच.डी.देवेगौड़ा को अपना आदर्श बताते हुए येदियुरप्पा ने विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की वकालत की.
येदियुरप्पा की भावुक अपील
गौरतलब है कि शुक्रवार 15वीं कर्नाटक विधानसभा का आखिरी दिन था क्योंकि राज्य में मई के महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा, और महिलाएं इस सदन में चुनकर आनी चाहिए. पुरुष सदस्यों को सहयोग करना चाहिए और अधिक महिला सदस्यों के लिए जगह बनानी चाहिए. यह मेरी अपील है.
ये भी पढ़ें- मैं घर पर नहीं बैठूंगा- अपने विदाई भाषण में बोले पूर्व CM येदियुरप्पा
शिवमोगा की जनता का आभार
शिवमोगा जिले के शिकारपुरा विधानसभा के मतदाताओं को बार-बार उन्हें निर्वाचित करने पर आभार व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए काम करना और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का विश्वास जीतना प्रत्येक विधायक का कर्तव्य है. येदियुरप्पा ने 22 फरवरी को बजट पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया था और इसी तरह का भाषण सदन में दिया था जिसे उन्होंने अपना विदाई भाषण करार दिया था.
बीते साल किया था ऐलान
पिछले साल जुलाई में येदियुरप्पा ने घोषणा की थी कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और अगर पार्टी नेतृत्व सहमत होगा तो शिकारपुर सीट पर उनके छोटे बेटे वी वाई विजयेंद्र चुनाव लड़ेंगे जो भाजपा कर्नाटक प्रदेश के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, अगर आज मैं इस मुकाम पर पहुंचा तो इसके पीछे की वजह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और मुझे मिला प्रशिक्षण है जिसने मुझे विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का अवसर प्रदान किया. मैं अपने जीवन में इसे कभी नहीं भूल सकता.
भाषण देते वक्त कई बार भावुक हुए येदियुरप्पा
जद(एस) सुप्रीमो देवेगौड़ा को आदर्श बताते हुए येदियुरप्पा ने कहा, यह छोटी चीज नहीं है, यहां तक कि आज 89 वर्ष की उम्र में भी वह देश और राज्य के मामलों के बारे में सोचते हैं और मार्गदर्शन करते हैं. हमें उनके अलावा कोई और आदर्श नहीं चाहिए. मैं मानता हूं कि देवेगौड़ा से बहुत कुछ सीखा जा सकता है. भावुक होने की वजह से कुछ समय विराम लेने के बाद येदियुरप्पा ने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या कहूं और क्या करूं लेकिन मैं अपने तालुका के लोगों का कर्जदार हूं जिन्होंने मुझे इस सदन में काम करने का अवसर दिया।.मैं अपने आखिरी सांस तक उनकी सेवा करता रहूंगा.