चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन के मौके पर विपक्ष के कई प्रमुख चहरे चेन्नई में जुटे हैं. इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने विपक्षी एकता के बात की और स्टालिन को सिर्फ तमिलनाडु तक ही सीमित रहने को नहीं कहा जबकि देश की भी कमान संभालने को कहा. उन्होंने ये भी कहा कि इस समय चुनाव जीतने पर फोकस करना चाहिए. कौन प्रधानमंत्री बनेगा इस पर बाद में सोचा जाएगा.
अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे आशा है कि आप (एमके स्टालिन) न केवल तमिलनाडु की सेवा करने के लिए बल्कि पूरे भारत की सेवा करने के लिए लंबे समय तक जीवित रहेंगे. भारत एक कठिन स्थिति में है. लोकतंत्र और संविधान को खतरे में डाला जा रहा है. चलो उठो. मैं आपसे और सभी नेताओं से कहता हूं कि उठ जाओ, एकजुट हो जाओ और ऐसा भारत बनाओ, जहां हम सभी सम्मान और शांति से रह सकें. भारत के लोग ही देश को मजबूत बनाते हैं, सेना, नौसेना और वायु सेना नहीं. आइए हम एकजुट हों और सद्भाव में काम करें.
उन्होंने आगे कहा कि स्टालिन अब राष्ट्रीय पटल पर आने का समय आ गया है. देश को ऐसा बनाओ जैसा आपने राज्य को बनाया है. खरगे जी, मैं आपसे कहूंगा कि भूल जाइए कि कौन प्रधानमंत्री बनने जा रहा है. पहले चुनाव जीतो, फिर सोचो कि कौन पीएम बनेगा. प्रधानमंत्री महत्व नहीं रखता, देश महत्व रखता है.
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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ विपक्ष की समान विचारधारा की पार्टियों को एक साथ आना चाहिए. मैंने कभी नहीं कहा कि कौन नेतृत्व करेगा और कौन प्रधानमंत्री बनेगा. ये सवाल ही नहीं है. हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है. तमिलनाडु में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन ने 2004, 2009 में लोकसभा और 2006 और 2021 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की. हमें 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत के लिए अपने गठबंधन और नेतृत्व की नींव को मजबूत करना जारी रखना चाहिए.
पीएम उम्मीदवारी के लिए स्टालिन का समर्थन
इससे पहले चेन्नई पहुंचने पर जब अब्दुल्ला से एमके स्टालिन की पीएम उम्मीदवारी पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं? वह पीएम क्यों नहीं बन सकते? इसमें गलत क्या है? जब हम सभी एकजुट होंगे और जीतेंगे, उस समय तय करेंगे कि इस देश का नेतृत्व करने और एकजुट करने के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति कौन है. भारत विविधता में एकता का देश है,अगर हम विविधता की रक्षा करेंगे तो हम एकता की रक्षा करेंगे और इसलिए मुझे लगता है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एकजुट करने की कोशिश अच्छी शुरूआत है.
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