सूडान के गृहयुद्ध में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए सरकार ने ऑपरेशन कावेरी चलाया है. इसके तहत 27-28 अप्रैल की रात सूडान से भारतीय वायुसेना के एक सी-130जे भारी-भरकम विमान ने 121 लोगों को बचाया. इस ऐतिहासिक ऑपरेशन में वायु सेना का भारी भरकम विमान वाडी सैय्यिदना में एक छोटी हवाई पट्टी पर उतरा, वो भी लैंडिंग लाइट के बिना.
बता दें कि इस ऐतिहासिक कारनामे को करने के लिए पायलटों ने रात में लैंडिंग करने के लिए नाइट विजन गॉगल्स (एनवीजी) का इस्तेमाल किया. ताकि उन्हें लैंडिंग की सही जगह पता चल सके. इस ऑपरेशन में सूडान से 121 लोगों को बचाया गया. बता दें कि ये हवाई पट्टी हिंसा प्रभावित सूडान की राजधानी खार्तूम से लगभग 40 किमी उत्तर में है.
#SudanConflict | In a daring operation carried out on the night of 27/28 Apr 2023, a C-130J aircraft of the IAF rescued 121 personnel from a small airstrip at Wadi Sayyidna, which is about 40 km North of Khartoum. The passengers included medical cases, including a pregnant lady; pic.twitter.com/gTQv0w8Pul
— ANI (@ANI) April 28, 2023
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नाइट विजन गॉगल्स का उपयोग
वायुसेना ने बताया कि हवाई पट्टी की ओर बढ़ते हुए, चालक दल ने अपने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रा-रेड सेंसर का उपयोग करके ये जाना किया कि रनवे खाली था. यह देखने के बाद, एयरक्रू ने अंधेरी रात में नाइट विजन गॉगल्स का उपयोग किया.
भारतीय वायुसेना का ऐतिहासिक कारनामा
बता दें कि ऑपरेशन कावेरी में बचाए गए 121 लोगों में एक गर्भवती महिला भी थी. लैंडिंग के बाद भी विमान के इंजन चलते रहे जबकि आठ IAF गरुड़ कमांडो ने यात्रियों और उनके सामान को विमान में रखने में मदद की. आईएएफ ने कहा कि वाडी सैय्यदना और जेद्दाह के बीच लगभग ढाई घंटे का यह ऑपरेशन भारतीय वायु सेना के इतिहास में अपने ऐतिहासिक कारनामों के लिए जाना जाएगा. जैसा कि काबुल में किया गया था.
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भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन कावेरी’
भारतीय वायुसेना ने अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद काबुल से भारतीयों को निकालने के लिए इसी तरह के अभियान चलाए थे. वहीं सूडान से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया था.