तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने बोम्मई सरकार की नई आरक्षण नीति की आलोचना करते हुए कहा कि कर्नाटक में सामाजिक न्याय की हत्या की जा रही है. वह ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वर्तमान में आरक्षण इस आधार पर अधिक दिया जा रहा है कि कौन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट दे रहा है और कौन नहीं. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक एमके स्टालिन ने कहा कि आप सभी जानते होंगे कि सामाजिक न्याय के नाम पर कर्नाटक में क्या किया गया. मुसलमानों को दिया गया आरक्षण वापस ले लिया गया. उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की श्रेणी में ले जाया गया. मुसलमानों के लिए आरक्षण विभाजित कर दिया गया और दो अन्य समुदायों को दे दिया गया, जिससे उनके बीच दरार पैदा हो गई. इसी तरह, अनुसूचित जातियों के बीच भी पक्षपात दिखाया गया था. ये भी पढ़ें: Odisha: स्कूटी के पीछे दौड़े 5 कुत्ते, 2 बच्चों को लेकर जा रही महिला कार से टकराई, VIDEO कर्नाटक में सामाजिक न्याय की हत्या उन्होंने कहा कि ये सब कर्नाटक विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है. वर्गीकरण उन लोगों के आधार पर किया गया है जो बीजेपी को वोट देते हैं और जो नहीं देते हैं. स्टालिन ने कहा कि स्पष्ट रूप से कर्नाटक में सामाजिक न्याय की हत्या की जा रही है. उन्होंने कहा कि हर राज्य में वर्ग और जाति के आधार पर समस्याओं में अंतर हो सकता है. लेकिन मुद्दे का मूल एक ही है, जो भेदभाव है. उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी भेदभाव, बहिष्कार, छुआछूत और गुलामी, अन्याय का जहर फैला है, इसको दूर करने की दवा सामाजिक न्याय है. ये भी पढ़ें: Doddi Komaraiah Birth Anniversary: सीएम KCR ने डोड्डी कोमुरैया को याद करते हुए कहा- पिछड़ों की स्थिति में हुआ सुधार जाति के आधार पर भेदभाव तमिलना़डु के सीएम ने कहा कि जिस तरह सांप के जहर का इलाज उसी विष से तैयार एंटीडोट्स से किया जाता है, उसी तरह जाति के आधार पर भेदभाव करने वाले लोगों का उत्थान भी उसी जाति से किया जाता है. यही आरक्षण का सामाजिक न्याय आदर्श है केंद्र की बीजेपी सरकार ने चालाकी से सामाजिक और शैक्षणिक के साथ-साथ आर्थिक जोड़ दिया. उन्होंने आर्थिक स्थिति के आधार पर पहले ही आरक्षण दे दिया है. लेकिन आरक्षण के लिए यह मानदंड सही नहीं है. ये भी पढ़ें: 2 साल की सजा से होगा बड़ा राजनीतिक नुकसान फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने अपील में क्या-क्या कहा, पढ़ें ईडब्ल्यूएस लागू करने का आरोप स्टालिन ने बीजेपी पर अगड़ी जातियों के गरीबों पर ईडब्ल्यूएस लागू करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय नहीं है. हम गरीबों और जरूरतमंदों के लिए किसी भी तरह की आर्थिक मदद करने से नहीं रोकते हैं. ईडब्ल्यूएस के तहत अगड़ी जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना बीजेपी सरकार की चाल है. जिन लोगों ने आरक्षण को योग्यता के खिलाफ बताया वे अकेले ईडब्लूएस आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं. ये भी पढ़ें: थोड़ा कूल रहिए जयशंकर से शशि थरूर ने क्यों कहा- हर बात पर रिएक्ट करना सही नहीं सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को करें स्थापित उन्होंने कहा कि बीजेपी हमें उस समय में वापस ले जाने की कोशिश कर रही है, जब केवल तथाकथित उच्च जातियां ही पढ़ सकती थीं, इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए. हमें पूरे भारत में संघवाद, राज्य की स्वायत्तता, धर्मनिरपेक्षता, समानता, बंधुत्व, समाजवाद और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को स्थापित करने के लिए आवाज उठानी चाहिए. यह एक अकेली आवाज या अलग-अलग अलग-अलग आवाजें नहीं होनी चाहिए. यह सामूहिक आवाज होनी चाहिए. ये भी पढ़ें: पिछड़ों का अपनाम, बर्दाश्त नहीं करेगा हिंन्दुस्तान- रिजिजू के बाद राहुल पर भड़के अनुराग ठाकुर
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