भोपाल । मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना का संचालन करने वाले राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) ने 120 निजी अस्पतालों की संबद्धता खत्म कर दी है। रोगियों के उपचार में लापरवाही और ज्यादा पैसे लेने, योजना के अंतर्गत निर्धारित मापदंड पूरा न करने आदि मामलों को लेकर अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
अस्पताल में उपचार नहीं किया
केंद्र ने प्रदेश के 28 ऐसे अस्पतालों की सूची एसएचए को दी थी जिन्होंने बीते छह माह में पांच से कम रोगियों का उपचार योजना के अंतर्गत किया था। इनकी संबद्धता समाप्त कर दी गई है। योजना में अुनबंधित होने के कारण रोगी भी इन अस्पतालों में उपचार के लिए पहुंचते थे, पर उन्होंने उपचार नहीं किया।
अस्पताल निर्धारित मापदंड का पालन नहीं कर रहे
इसका एक कारण यह भी है कि उपचार के कई पैकेज में अस्पतालों को अपेक्षाकृत कम लाभ है। इस कारण वह आयुष्मान के रोगियों को भर्ती ही नहीं करते। दूसरे वह अस्पताल हैं जो निर्धारित मापदंड का पालन नहीं कर रहे हैं। दरअसल नए नियम में मेडिसिन से जुड़ी बीमारियों का उपचार वही अस्पताल कर सकते हैं जिनके पास कम से कम 50 बिस्तर हों। इससे कम बिस्तर वाले अस्पतालों की संबद्धता खत्म की गई है।
मरीजों से पैसा लेने की शिकायत मिली
तीसरी श्रेणी में गड़बड़ी करने वाले अस्पताल हैं। इनकी संख्या 25 से अधिक है। स्टेट हेल्थ एजेंसी की जांच में इन अस्पतालों में बिना आवश्यकता रोगियों को भर्ती करने, बिना जरूरत ज्यादा अवधि तक भर्ती रखने, मरीजों को आइसीयू में रखने, पैकेज के अलावा रोगियों से भी राशि लेने की शिकायतें मिली थीं। ये कार्रवाई पिछले माह की गई है। जिसे अब सार्वजनिक किया गया है।
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