भोपाल । विधानसभा चुनाव को लेकर एमपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सक्रिय हो गए हैं। सभी बड़ी परियोजनाओं का शुभारंभ पीएम मोदी ही कर रहे हैं। हालही में पीएम मोदी ने सागर जिले के बड़तूमा में रविदास मंदिर की आधारशिला रखी है। इस मंदिर के जरिए भाजपा की नजर प्लान-55 पर है। इसके लिए भाजपा ने 5 गेमचेंजर तैयारियां की है। दलित बाहुल्य सीटों पर भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हुआ था। इस बार पार्टी ने रविदास मंत्र से जीत का फॉर्मूला ढूंढ लिया है। समरस यात्रा के जरिए भाजपा ने हजारों गांवों को इस मंदिर से जोड़ा है। इसके बाद कांग्रेस खेमे में खलबली है। दलित वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस अब अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को उतारने जा रही है।
दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी और दलित बाहुल्य क्षेत्रों में बड़ा नुकसान हुआ था। इसकी वजह से पार्टी को सत्ता गंवानी पड़ी थी। यही वजह है कि पार्टी इस बार जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने में जुट गई है। एमपी में अनूसूचित जाति की 35 सीटें रिजर्व हैं। इसके साथ ही कुछ सीटों पर जीत और हार इनकी वजह से ही तय होती हैं। कुल मिलाकर 55 ऐसी सीटें हैं, जहां इनका प्रभाव है।
एमपी में दलित समुदाय के लोग संत रविदास को भगवान मानते हैं। भाजपाने सोची समझी रणनीति के तहत 100 करोड़ रुपए की लागत से सागर जिले के बड़तूमा में संत रविदास मंदिर निर्माण का फैसला किया है। फरवरी में इसकी घोषणा हुई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त महीने में शिलान्यास कर दिया है। सागर जिले के बड़तूमा में 11.29 एकड़ में इसका निर्माण हो रहा है। डेढ़ साल में मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। साथ ही भाजपाने दलित समुदाय को एकजुट करने की कोशिश की है।
दरअसल, मंदिर की नींव रखने से पहले भाजपा दलित समुदाय को इससे जोडऩे की कोशिश की है। इसके लिए पार्टी की तरफ से समरसता यात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा पांच जगहों से निकली थी। इस जरिए पार्टी के लिए 20000 गांवों तक पहुंचे। वहां की मिट्टी कलेक्ट किए। साथ ही इन क्षेत्रों में पडऩे वाली 300 पवित्र नदियों से जल लिए हैं। मंदिर निर्माण में इन सभी का प्रयोग किया गया है। साथ ही समरसता भोज के लिए गांव के लोगों से एक मु_ी आनाज भी लिए हैं।
रविदास मंदिर का जिस जगह पर निर्माण हो रहा है। वह बुंदेलखंड में आता है। बुंदेलखंड में विधानसभा की 26 सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा इनमें से 18 सीटें जीती हैं। वहीं, सात पर कांग्रेस और एक बीएसपी की जीत हुई है। रविदास मंदिर और पीएम मोदी के दौरे से भाजपा की कोशिश है कि सीटों की संख्या में और इजाफा हो जाए। मंदिर के साथ ही अन्य लोगों को साधने के लिए पीएम मोदी कोटा-बीना रेल लाइन के दोहरीकरण का लोकार्पण किया है।
वहीं, एमपी में 55 सीटों पर दलितों का प्रभाव है। इनमें से 35 सीटें इनके लिए रिजर्व है। इस बार दलित वोटों पर सबकी नजर है। दलित बाहुल्य इलाकों में भीम आर्मी के साथ-साथ बीएसपी भी सक्रिय हो गई है। वहीं, कांग्रेस पहले से ही डोरे डाल रही है। 2018 के चुनाव में दलितों ने कांग्रेस का साथ दिया था। यही वजह है कि भाजपा को 35 रिजर्व सीटों में से सिर्फ 11 सीट पर जीत मिली थी। जबकि 2013 के चुनाव में 22 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा को लगता है कि भव्य रविदास मंदिर से एक नया संदेश जाएगा। साथ ही मप्र में यह दलितों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा।
वहीं, मंदिर की नींव रखने के बाद सागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने दो टूक शब्दों में यह संदेश दिया है कि डेढ़ साल बाद मंदिर का लोकार्पण करने आऊंगा। इससे साफ है कि 55 सीटों को जीतने के लिए भाजपाने रोडमैप तैयार कर लिया है। वहीं, शिवराज सरकार भी प्रदेश में दलितों को लुभाने के लिए कई घोषणाएं की है।
वहीं, बुंदेलखंड और अन्य इलाकों के दलित वोटरों को साधने की जुगत में कांग्रेस भी जुट गई है। पीएम मोदी के दौरे से ठीक एक दिन पहले 11 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी यहां आने वाले थे। अचानक से उनका दौरा कांग्रेस ने रद्द कर दिया था। अब वह 22 अगस्त को मप्र आ रहे हैं। सागर में ही उनकी रैली होगी।
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