भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की पूरी कमान सीधे गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में ही रहेगी, यह अब साफ हो गया है। वे मालवा-निमाड़ के दावेदारों की कुंडली और वहां के समीकरण साथ ले गए हैं। यह भी लिस्ट ले गए हैं कि कब कौन हारा और कब जीता। लोकल कारण क्या रहे, इस पर समीक्षा भी की जा रही है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इंदौर आए थे। वे यहां के संगठन के नेताओं का स्पष्ट संदेश देकर गए हैं कि चुनाव में किसी भी हाल में 2018 जैसी स्थिति नहीं बनना चाहिए। 37 में से अधिकतर सीटें भाजपा को जीतना है। यह चर्चा मैरियट होटल में करीब 1 घंटे तक बैठक में की गई। इसमें चुनाव को लेकर संगठन किस तरह महत्वपूर्ण भूमिका में रहकर काम करेगा यह फैसले लिए गए।
बताया जा रहा है कि होटल में बंद कमरे में चली बैठक में शाह ने साफ शब्दों में कहा कि आप ऊपर बैठे नेताओं के सामने शक्ति प्रदर्शन करने की जगह बूथ पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर ध्यान दें। बूथ कार्यकर्ता ही चुनाव जिताते हैं, मंच पर बैठे नेता नहीं। आप लोगों ने समितियां बना दी। कार्यकर्ताओं को पद दे दिए हैं लेकिन अब उन्हें काम भी दें। आप उनको जो टास्क दें उसकी हर 15 दिन में समीक्षा करें। मैं हर माह रिपोर्ट लूंगा ताकि आपकी और उनकी सक्रियता बनी रहे।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि बैठक में शाह का पूरा फोकस बूथ कार्यकर्ता और इंदौर संभाग की 37 सीटों पर था। शाह ने बैठक में जिला वार सभी 9 जिलों की समीक्षा की। बताया जा रहा है कि इसके साथ ही वह 37 सीटों की 2018 की हार-जीत की समीक्षा रिपोर्ट और संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट और अन्य जानकारी दिल्ली लेकर गए हैं। सूत्रों का कहना है कि बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि इन 37 सीटों पर पार्टी जिसे भी टिकट दे आपको अपने कार्यकर्ताओं से प्रत्याशी का चेहरा देखकर नहीं बल्कि कमल का फूल देखकर काम करने के लिए कहना है।
सूत्रों ने बताया कि शाह ने बैठक में शामिल नेताओं से कहा कि शक्ति केंद्रों को भी काम पर लगा दें। अकसर देखने में आया है कि बूथ कार्यकर्ता चुनाव में बाहर निकलते हैं और फिर निष्क्रिय हो जाते हैं। ऐसा ना हो, इसकी मॉनिटरिंग करें। बता दें कि इंदौर में 341 शक्ति केंद्र हैं, संभाग में कुल 1886 हैं, वहीं 11 हजार बूथ हैं। बताया जा रहा है कि बैठक में शाह ने कहा कि कोई भी कार्यकर्ता नकारात्मक ना सोचे ना बात करें। सबके मन में मेरी सरकार सबसे अच्छी सरकार की बात होनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि बैठक में एक जिलाध्यक्ष ने राय देना शुरू किया तो शाह ने सख्त लहजे में कह दिया की मैं भी छोटा नेता हूं। छोटे-छोटे काम आपको बताए जा रहे हैं। जो बताया जा रहा है, वह किया जाए।
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मालवा-निमाड़ में तगड़ा झटका लगा था। भाजपा उस चुनाव में इंदौर संभाग की 37 में से 21 सीटों पर हारी थी। भाजपा संभाग की सिर्फ 16 सीटों पर ही जीत दर्ज करा पाई थी।
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